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आज हर किसी को हड़बड़ावहट और जल्दी है





आज हर किसी को हड़बड़ावहट और जल्दी है

आज सब लोगों को है सुनानी
इस वक्त की है करुण कहानी
ये जिंदगी की किस्सा भी बड़ा अजीब है
आज हर किसी को हड़बड़ाहवट और जल्दी है।
मेरे भारत की एक अलग ही पहचान है
बरसो से चिंतन हो रहा है मानवता पर
पर हमारी महत्वकांक्षी सोच के कारण
आज हर किसी को हड़बड़ाहवट और जल्दी है।
न जाने आज लगी है किसकी नजर
इंसान भूल रहा है खुलकर हंसना
लोग 21 वी सदी में जी रहा है पर
आज हर किसी को हड़बड़ाहवट और जल्दी है।
गुलशन में शिक्षा के पौधे लगाना है
मिलकर हम सबकों निपुण भारत बनाना है
पर मैं कैसे बताऊं सब लोगों का हाल
आज हर किसी को हड़बड़ाहवट और जल्दी है।
नित्य है दिन और हाेगी नित्य रात
रात के बाद ही होगी भोर की सौगात
पर धैर्य धारण करना कोई नही चाहता है
आज हर किसी को हड़बड़ाहवट और जल्दी है।
परिस्थितियों पर विजय पाना सूर्य देव से सीखें
जो कभी न बदला, कभी न भटका अपनी राहों में
फिर भी हमें समझ में क्यों नही आता है
आज हर किसी को हड़बड़ाहवट और जल्दी है।

नूतन लाल साहू







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4 Comments

Shnaya

18-Feb-2024 09:09 AM

Nice one

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Mohammed urooj khan

13-Feb-2024 11:39 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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नंदिता राय

12-Feb-2024 06:19 PM

Nice

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